हरिद्वार: शुरू हुआ सावन का महीना, सावन में यहां करते हैं शिव निवास…

July 17, 2019 | samvaad365

हरिद्वार: सावन का महीना शुरू हो गया है. इस समय हर कोई भगवान भोलेनाथ को खुश करने के प्रयास में रहता है. हो भी क्‍यों ना, ये महीना शिव जी को इतना प्‍यारा जो है. पर क्‍या आपको पता है कि भगवान शिव इस महीने में कहां निवास करते हैं , मान्‍यताओं के अनुसार भोलेनाथ इस दौरान अपने ससुराल में रहते हैं. और उनके ससुराल के रूप में प्रसिद्ध है कनखल का दक्षेश्‍वर महादेव मंदिर. ये मंदिर हरिद्वार से कुछ किमी दूर है. कहा भी जाता है कि कैलाश पर्वत भगवान शिव का घर है और कनखल उनकी ससुराल. लोग मानते हैं कि शिव पूरे सावन महीने में अपने ससुराल में ही रहते हैं. सभी दामादो को ससुराल में मानसम्मान मिलता है वहीं भोलेनाथ को अपनी ससुराल में अपमान झेलना पड़ा था, तो कहाँ हैं शिव जी हाँ स्वर्गलोग से शिव पहुंचे हैं अपनी ससुराल।

सावन का महीना चल रहा है और भक्त भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शिव भक्त हरिद्वार पहुंच रहे हैं , इस महीने का इंतजार शिव भक्तों को बेसब्री से रहता है ,सावन का महीना भगवान शिव का सबसे प्रिय माना जाता है। इसलिए मान्यता है कि सावन में जो कोई भी सच्चे मन से भोलेनाथ की आराधना करता है, उससे भगवान शिव जल्द ही प्रसन्न होते हैं,सावन के महीने में पूरे देश से लोग यहां पहुंचते हैं. मान्‍यता है कि इस समय में यहां जल चढ़ाकर महादेव को खुश किया जा सकता है. इससे सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं एक पौराणिक कथा के अनुसार माता सती ने अपने पिता दक्ष प्रजापति के खिलाफ जाकर भगवान शिव से विवाह किया था। दक्ष इस विवाह से बेहद नाखुश थे। इसके पश्चात दक्ष ने अपने वहां एक विराट यज्ञ का आयोजन किया, जिसमें कई देवताओं और ऋषि मुनियों को आमंत्रित किया गया, लेकिन भगवान शिव और माता सती को उन्होंने न्योता नहीं भेजा।

इसके बाद शिव जी के मना करने के बावजूद बिना निमंत्रण के सती अपने पिता के घर पहुंची। जहां दक्ष ने माता सती और भगवान शिव का काफी अपमान किया। अपने पिता के व्यवहार से आहत और क्रोधित हो माता सती ने यज्ञ की अग्नि कुंड में खुद को भस्म कर लिया।जब भगवान शिव को माता सती के देह त्याग के बारे में पता चला तो वह अत्यंत क्रोधित हो उठे। उन्होंने दक्ष प्रजापति का सिर धड़ से अलग कर दिया, लेकिन बाद में क्षमा मांगने पर शिव जी ने उन्हें बकरे का सिर लगाया और क्षमा कर दिया।

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संवाद365/नरेश तोमर 

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