अन्तरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस कार्यक्रम में HRD मंत्री डॉ. निशंक हुए शामिल

February 21, 2020 | samvaad365

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू की गरिमामय उपस्थिति में मानव संसाधन विकास मंत्रालय एवं संस्कृति मंत्रालय के तत्वावधान में आयोजित अन्तरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस कार्यक्रम में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक शामिल हुए। इस अवसर पर प्रह्लाद सिंह पटेल और संजय धोत्रे भी उपस्थित रहे। डॉ. निशंक ने कहा कि भाषा मनुष्य की सृजन शक्ति का ऐसा बेमिसाल उपहार है जो न केवल उसके अस्तित्व को स्थापित करता है बल्कि उसकी समस्त जीवन की सृजनात्मकता को आधार प्रकट करता है।

बच्चे के जन्म के बाद मातृभाषा में अभिव्यक्तिl उसके लिए एक दिव्य अनुभव होता है। माता – पिता, भाई-बहनों, एवं परिवारजनों से मातृभाषा में वार्तालाप शिशु के मन मस्तिष्क में एक नए अध्याय को खोलता है । शिशु अवस्था से ही मन मस्तिष्क पर जो भाषा बड़ी गहरी और अमिट छाप छोड़ती है एवं अचेतन स्तर पर भी सक्रिय रहती है वही मातृभाषा है। भाषा-प्रयोग तथा भाषा-अभ्यास बच्चे के मस्तिष्क को न केवल जरूरी पोषक अवयव प्रदान करते हैं, बल्कि उसके सर्वांगीण विकास के लिए मुख्य आधार प्रदान करते हैं ।

मातृभाषा के लिए प्राण न्यौछावर करने के कई गौरवमयी उदाहरण इतिहास में देखने को मिलते है। बच्चे के दिमाग की विकासात्मक प्रक्रिया से जुड़े अध्ययन से यह पता चलता है कि मानव जीवन के प्रारंभिक पांच से छह वर्ष भाषा सीखने के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। शोध अध्ययनों से यह भी पता चलता है कि बच्चों की आरंभिक शिक्षा के लिए उनकी मातृभाषा ही सबसे उपयुक्त माध्यम है। मातृभाषा में एक बार दक्षता प्राप्त करने वाला बच्चा अधिक आत्मविश्वासी होता है क्योंकि बच्चे के पास अपने को सफलतापूर्वक अभिव्यक्त करने का सशक्त माध्यम उपलब्ध होता है।

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संवाद365/मोहित पोखरियाल

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