देहरादून: भारत कई समय से यूएन में आतंकी संगठन जैश-ए-महोम्मद के सरगना मसूद अजहर पर प्रतिबन्ध लगाने की मांग कर रहा था, लेकिन चीन के बीच में रोड़ा बनने के कारण आतंकी मसूद पर प्रतिबन्ध नहीं लग पा रहा था। बता दें कि बुधवार को संयुक्त राष्ट्र की 1267 बैठक के बाद आतंकी संगठन जैश-ए-महोम्मद के सरगना मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित कर दिया गया है। इस मामले पर शहीद चित्रेश बिष्ट के पिता एसएस बिष्ट ने कहा कि ये सरकार का काम था, पहले से ही ये मामला पेंडिंग चल रहा था, अब जब संयुक्त राष्ट्र से फैसला आ गया है तो मसूद के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने शहीद चित्रेश बिष्ट के वीरगति का जिक्र करते हुए बताया कि चित्रेश एलओसी में शहीद हुआ था, लेकिन मामले को लेकर अबतक कोई कार्रवाई नहीं की गई। महाराष्ट्र में भी 16 कमांडो जवान शहीद हुए हैं। अब समय आ गया है की इन आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए ताकि एक और चित्रेश की शहादत न देनी पड़े।
बता दें कि चार बार चीन द्वारा वीटो पावर का इस्तेमाल कर मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने से रोका गया था। संसद, उरी और पुलवामा समेत कई बड़े आतंकी हमलों में जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर का हाथ रहा है।
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संवाद365/कुलदीप