पंचायत चुनाव में शराब और धनबल का इस्तेमाल… क्या लोकतंत्र के लिए घातक है ये परंपरा ?

October 11, 2019 | samvaad365

रुद्रप्रयाग : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के एक चरण का मतदान हो चुका है और दूसरे चरण के लिए प्रत्याशियों ने कमर कसी हुई है. लेकिन लोकतंत्र के सबसे छोटे इस फार्मेट में राजनीति का जो गंदलाता घालमेल दिखाई दे रहा वह न केवल सामाजिक ताने बाने को बिगाड़ रहा है बल्कि स्वच्छ लोकतंत्र के लिए भी शुभ संकेत नहीं है. मतदाताओं को लुभाने और वोट की खरीद फरोख्त के लिए जमकर शराब और धन बल का प्रयोग किया जा रहा है, हर गांव चैराहों पर इन दिनों शराब की महफिले सजी है. विकास के मुद्दों की बजाय वोटरों को धन और शराब के जाम में डूबोने की गणित चल रही है. जिन युवाओं और ग्रामीणों ने विकास की बात करने थी उनकी नशों में शराब का नशा दौड़ रहा है ऐसे में विकास के सवाल गौण नजर आ रहे हैं। हालांकि बहुत लोग हैं जो इस पूरे माहौल को लोकतंत्र के लिए घातक बता रहे हैं.

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संवाद365/कुलदीप राणा

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