जब लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ न मिले तो फिर योजनाएं ही किस बात की …? ये सवाल हम इसलिए पूछ रहे हैं क्योंकि उत्तराखंड की कई जगहों पर अभी भी लोगों को वो सुविधाएं नहीं मिल पा रही है जो मिलनी चाहिए थी. ऐसा ही मामला पौड़ी गढ़वाल से सामने आया है. कांडामल्ला गांव की रहने वाली बेलमती देवी आज एक घर में रहती हैं लेकिन ये घर करीब 250 साल पुराना है. इस घर के दो हिस्सेदार गांव से पलायन कर चुके हैं. लेकिन बेलमती आज भी इसी घर में रहती हैं. बेलमती देवी के पति स्व. मेहरबान सिंह जहरीखाल ब्लॉक में पहले नेत्रदान करने वाले व्यक्ति थे. लेकिन बेलमती देवी आज जिस घर में रह रही है. उसकी दीवार कभी भी टूट सकती है.
अब बेसहारा बेलमती की फरियाद जिलाधिकारी पौड़ी तक भी पहुंचाई गई जहां से मकान के मालिक को आदेश दिया गया था लेकिन उसपर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. बेलमती देवी की उम्र 70 साल से ज्यादा है लेकिन विधवा पेंशन भी आज तक महज एक ही बार मिली है.
बेलमती देवी एक पैर से अपाहिज भी हैं. न तो गैस कनेक्शन है न बीपीएल कार्ड न शौचालय और न ही बेलमती देवी को किसी भी प्रकार की आवासीय सुविधा मिल पाई है. अब इन बातों को सुनकर सवाल यही उठता है कि जब बेलमती देवी के पास कुछ भी नहीं है तो फिर सरकारों के दावे कहां पर पूरे हो पा रहे हैं.
पौड़ी/ इंद्रजीत असवाल
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