उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार स्थायी लोक अदालत देहरादून में आज राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया जिसमें अध्यक्ष राजीव कुमार, सदस्य मंजू सकलानी, द्वारा विभिन्न बैंको इंश्योरेंस भू संपदा बिजली व पानी के कुल 243 मुकदमों को प्रीलिटिगेशन स्तर पर सुलह समझौता के आधार पर निस्तारित किया गया है तथा जिसमें कुल धनराशि मु0 1,85,19,107 / रू की वसूली की गई ।
क्या है स्थायी लोक अदालत
स्थायी लोक अदालत का गठन विधिक सेवाएं प्राधिकरण अधिनियमए 1987 की धारा 22-बी की उप धारा (1) के अंतर्गत हुआ है। जनहित सेवाओं से संबंधित विभाग जैसे बिजली, पानी, अस्पताल आदि से संबंधित मामलों को, मुकदमें दायर करने से पहले आपसी सुलह से निपटाने के लिए राज्य प्राधिकरण द्वारा स्थायी लोक अदालतों की स्थापना की गई है ।
कोई भी पक्ष जिसका संबंध इन जनहित सेवाओं से है वह इन विवादों को निपटाने के लिए स्थायी लोक अदालत में आवेदन कर सकता है।
सबसे पहले विवाद को आपसी सुलह के द्वारा सुलझाने का प्रयास किया जाता है और सहमति के बाद अवार्ड पास कर दिया जाता है। यदि आपसी सुलह के द्वारा केस का फैसला नही हो पाता तो स्थायी लोक अदालत में मामले का निपटारा मामले के गुण-अवगुण के आधार पर कर दिया जाता है।
अवार्ड पास होने के पश्चात वह न्यायालय की डिक्री की तरह ही संबंधित पक्षों पर अनिवार्य रूप से लागू कराया जाता है। इसके फैसले के विरूद्ध किसी भी न्यायालय में अपील नही की जा सकती।
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संवाद365,डेस्क