उत्तराखंड के लिए सबसे जानलेवा साबित हुआ साल 2022, सड़क हादसों में देखी गई बढ़ोतरी

January 30, 2023 | samvaad365

सड़क हादसों के लिहाज से पिछले सात साल में 2022 सबसे ज्यादा जानलेवा साबित हुआ। वहीं, 2021 के मुकाबले 2022 में 19 फीसदी ज्यादा हादसे हुए। चिंताजनक बात यह है कि पर्वतीय जिलों में हादसों में ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। परिवहन विभाग के ताजा आंकड़ों में इसका खुलासा हुआ है।

सड़क सुरक्षा को लेकर लगातार हो रही कसरत के बावजूद हादसों में कमी नहीं आ रही है। वर्ष 2021 में प्रदेशभर में 1405 हादसे हुए थे। 2022 में यह आंकड़ा 19.15 प्रतिशत बढ़कर 1674 रहा। इसी प्रकार, 2021 में प्रदेश में हुए हादसों में 820 लोगों ने जान गंवाई थी। इनकी संख्या 2022 में बढ़कर 1042 (27 प्रतिशत अधिक) पहुंच गई।

घायलों की संख्या में भी करीब 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई। 2021 में सड़क हादसों में 1091 लोग घायल हुए थे, जबकि 2022 में यह संख्या 1613 रही। 2021 के मुकाबले 2022 में चमोली जिले में सड़क हादसों में 200 प्रतिशत की बढ़ोेतरी हुई।

यहां 2021 में केवल चार हादसे हुए थे, जबकि 2022 में 21। पर्वतीय जिलों में 2021 के मुकाबले 2022 के हादसों की बात करें तो टिहरी में 25, चंपावत में 127, उत्तरकाशी में 47, पिथौरागढ़ में 33, चमोली में 200, रुद्रप्रयाग में 22 प्रतिशत बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

जिलावार सड़क हादसों की संख्या

जिला20212022प्रतिशत बढ़ोतरी या कमी
देहरादून-36546527.40
ऊधमसिंह नगर36141916.07
हरिद्वार3543704.52
नैनीताल17724638.98
टिहरी324025
पौड़ी332621.21
चंपावत1125127.27
उत्तरकाशी172547.06
पिथौरागढ़121633.33
अल्मोड़ा211338.10
चमोली0412200
रुद्रपयाग091122.22
बागेश्वर09-0633.33(कमी)

चंपावत में 600 प्रतिशत बढ़ी मृतकों की संख्या

चंपावत जिले में 2021 के मुकाबले 2022 में 625 प्रतिशत से अधिक लोगों ने सड़क हादसों में जान गंवाईं। 2021 में यहां चार लोगों की मौत हुई थी, जबकि 2022 में संख्या बढ़कर 29 पहुंच गई। वहीं, 2021 में हादसों में 14 लोग घायल हुए, जबकि 2022 में यह आंकड़ा 235 प्रतिशत बढ़कर 47 हो गया। उत्तरकाशी में 2021 में 20 लोगों की मौत हुई थी जो 2022 में संख्या बढ़कर 62 यानी 210 प्रतिशत अधिक रही। पौड़ी में 2021 में 19 और 2022 में 56 (194 फीसदी अधिक) लोगों की मौत हुई।

सात साल में सबसे ज्यादा सड़क हादसे

वर्ष         हादसे             मृतक

2016      1591             962

2017        1603           942

2018         1468          1047

2019          1353         886

2020           1041         674

2021           1405          820

2022           1674          1042

चमोली में 1500 प्रतिशत बढ़े घायल

जिला2021 के घायल2022 के घायल
देहरादून247369
ऊधमसिंह नगर235342
हरिद्वार287309
नैनीताल-141199
टिहरी-29136
पौड़ी3960
चंपावत-1447
उत्तरकाशी-1976
पिथौरागढ़-1114
अल्मोड़ा-4130
चमोली0116
रुद्रप्रयाग0909
बागेश्वर1806

पर्वतीय राज्यों में सुरक्षित वाहन संचालन के लिए जारी होगी एसओपी

हिमालयी राज्यों में वाहन संचालन के लिए अब एसओपी जारी होगी। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। एसओपी के लिए उत्तराखंड के मुख्य सचिव से सड़क हादसों, उनकी जांच रिपोर्ट और सुरक्षा उपायों की जानकारी मांगी गई है।
एनडीएमए एसओपी तैयार कर रहा
एनडीएमए ने यह स्वीकार किया है कि पर्वतीय मार्गों पर वाहन संचालन काफी चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है। वाहनों की संख्या बढ़ने के साथ ही सुरक्षा उपायों की कमी भी सड़क हादसों की वजह बन रही है। इस लिहाज से हिमालयी राज्यों में वाहन संचालन के लिए एनडीएमए एसओपी तैयार कर रहा है।

सभी पर्वतीय मार्गों पर एसओपी के हिसाब से ही वाहन संचालन का रास्ता तैयार होगा। एनडीएमए के सदस्य सचिव प्रभारी कमल किशोर की ओर से मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू को पत्र मिला है। इस पत्र में कहा गया है कि हिल एरिया में वाहन संचालन की एसओपी के लिए राज्य स्थापना से लेकर अब तक हुए सड़क हादसों, उनकी इंक्वायरी रिपोर्ट और हादसों के कारण व निवारण के सुझाव दिए जाएं।

संवाद 365, दिविज बहुगुणा
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