7 मई को खुलेंगे गंगोत्री धाम के कपाट, जानिए क्या है गंगोत्री धाम की मान्यता…

May 3, 2019 | samvaad365

देहरादून: विश्व प्रसिद्ध उत्तराखंड के चारधामों में एक गंगोत्री धाम के कपाट अब कुछ ही दिनों में यात्रियों के लिए खोल दिए जाएंगे। वहीं, प्रदेश में शासन-प्रशासन द्वारा चारधाम यात्रा को लेकर पूरी तैयारियां हो चुकीं है। पुलिस विभाग द्वारा जवानों की ड्यूटी चारधामों में लगा दी गई है, आरटीओ, पर्यटन विभाग पूरी तैयारी के साथ चारधाम यात्रा को सफल बनाने के लिए तैयार है।

बता दें कि गंगोत्री धाम के कपाट 7 मई को अक्षय तृतीय के दिन पूजा-अर्चना के साथ खोले जाएंगे। गंगोत्री धाम के कपाट खुलते ही श्रद्धालुओं के लिए उत्तराखंड में चारधाम यात्रा शुरू हो जाएगी और श्रद्धालु माँ गंगा का दर्शन कर पाएंगे। वहीं, पिछले 6 महीनों से गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने के बाद माँ गंगा की डोली ग्रीष्मकालीन गद्दी स्थल मुखिमठ में विराजमान थी। 6 मई को माँ गंगा की फूलों से सजी डोली 12 बजकर 35 मिनट पर मुखिमठ से प्रस्थान करेगी, जिसके बाद डोली भैरव घाटी के लिए रवाना होगी और 7 मई को 11 बजकर 35 मिनट पर गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के बाद श्रद्धालुओं को दर्शन देने के बाद मंदिर में विराजमान हो जाएगी।

कहा जाता है कि गंगोत्री धाम पर शंकराचार्य ने माँ गंगा की मूर्ति स्थापित की थी। जहां शंकराचार्य द्वारा मूर्ति को स्थापित किया गया था, उसी जगह पर 18 शताब्दी में अमर सिंह थापा द्वारा मंदिर की स्थापना करवाई गई। कमांडर थापा द्वारा मंदिर समिति के प्रबंधन के लिए मुखबा गंगोत्री गांव से पंडों को भी नियुक्त कर दिया गया। इससे पहले गंगोत्री धाम के पुजारी टकनौर के राजपूत हुआ करते थे।

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संवाद365/कुलदीप 

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