पौड़ी, गढ़वाल: उत्तराखंड का एक गाँव ऐसा भी जिसे देखकर लगता है कि वो भारत के नक्शे में नहीं…

May 21, 2019 | samvaad365

पौड़ी गढ़वाल: कहते हैं कि पहाड़ दूर से सुहाने लगते हैं लेकिन जब यहां के रहने वाले लोगों की हालत देखने को मिलती है तो लगता है कि पहाड़ में रहना बहुत ही मुश्किल है। बात जनपद पौड़ी गढ़वाल के धुमाकोट तहसील के जामून गाँव की है जिसे देखकर लगता है कि ये गाँव भारत के नक्शे में नहीं होगा ये हम इसलिए कह रहे हैं कि आज देश को आजाद हुए 72 साल व राज्य बने 19 साल हो गए आइये हम दिखाते हैं कि इतने सालों में इस गाँव का क्या विकास हुआ है।

ना तो इस गाँव में बिजली है ना पानी ना ही रास्ते बने हैं। ब्रिटिश काल में जो रास्ते इस गाँव के लिए बने थे उनको अब टाइगर रिजर्व ने बंद कर दिया है जिससे अब गाँव पूरी तरह से बंधक हो गया है गाँव वालों से गांव में जाने के लिए 250 रुपये वसूले जाते हैं जिस रास्ते गाँव वाले कभी बैल गाड़ी लेकर जाते थे उसे अब वन विभाग ने जेसीबी से खोदकर बंद कर दिया है।

गाँव वालों को गाँव में पहुंचने के लिए नदी में बांस के डंडो की नाव से तैरकर जाना पड़ता है। गाँव की मूलभूत सुविधाओं के बारे मे जब ग्राम सभा प्रधान से व उनके पति से पूछा गया तो उनका कहना था कि उस गाँव की जनसंख्या कम है इसलिए उस गाँव में कोई भी विकास कार्य नही हुआ है

अब सवाल उठता है कि यदि किसी गाँव की जनसंख्या कम हो तो उनके लिए कोई भी सरकारी सुविधाएँ नही है। इस गाँव की स्थिति देखकर लगता है कि ये गांव शायद भारत के नक्शे में नहीं है। इसी गाँव के युवा अजय भदोला का कहना है कि उनके द्वारा मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री सहित सभी विभागों को सूचित किया जा चुका है परंतु किसी ने भी उनकी मदद नहीं की। अजय भदोला जिनकी यहां पर पैतृक संपत्ति है उनके रिश्तेदारों तक को उनके गांव नहीं जाने दिया जाता।

इसी संबंध में जब मीडिया के द्वारा डायरेक्टर वन विभाग रामनगर से पूछा गया तो उनका कहना था कि कोट का आदेश है कि बाहरी लोगों व निजी गडियों को पार्क के अंदर नहीं जाने दिया जाता है लेकिन जब मीडिया ने देखा तो पाया कि वहां बाहरी लोगों की गाड़ियां व कई बाहरी लोग मौजूद थे। सवाल बनता है कि एक तरफ सरकार कहती है कि पलायन रोको वहीं इस गांव के लोगों को जबरदस्ती पलायन करने को वन विभाग मजबूर कर रहा है।

यह खबर भी पढ़ें-पैतृक गांव में हुआ शहीद प्रमोद कुमार का अंतिम संस्कार

यह खबर भी पढ़ें-समाज में अंजली सेमवाल जैसी सोच वाले युवाओं की जरूरत है

संवाद365/इंद्रजीत असवाल

37726

You may also like