हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार आग की ढेर पर है। ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि हरिद्वार में हरकी पौडी के पास की संकरी गलियों में सजे बाजार और नियमों को ताक पर रख कर बनाये गये बहुमंजिला होटल देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है। सबसे बुरा हाल यहां हरकी पौडी के आस पास के बाजारों का है।
इन बाजारों में पैदल चलना मुश्किल है। सबसे ज्यादा बुरा हाल यहां पर स्नान पर्वों और शाम की आरती के समय हो जाता है। ऐसे में अगर कोई अग्निकांड होता है तो इन बाजारों में दमकल का प्रवेश बड़ी चुनौती है। यही नहीं यहां बने बहुमंजिला होटलों में आग से निपटने के कोई इंतजाम नहीं हैं। समय समय पर होटल मालिकों और व्यापारियों के साथ होने वाली बैठकों में बड़ी-बड़ी बातें होती हैं लेकिन नतीजा सिफर ही रहता है। सबसे बुरा हाल यहां के सिडकुल में फैक्ट्रियों का भी है। आए दिन यहां आग लगने की घटनाएं आम हैं, लेकिन आज तक किसी भी फैक्ट्री पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। गुजरात के सूरत में हुए अग्निकांड में कई लोगों ने जान गंवा दी। ऐसे में नये सिरे से हरिद्वार में आग से निपटने के इंतजाम करने की जरूरत है।
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संवाद365/नरेश तोमर