दुखद: इकलौते बेटे के शव को सामने देख रुकी पिता की हृदयगति,एक साथ जले नौ शव

January 29, 2019 | samvaad365

रविवार को शव यात्रा में मिर्तोली से रामेश्वर घाट जा रही पिकअप (जीप) टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर च्यूरानी (बसौन मोड़) में करीब 300 मीटर गहरी खाई में गिर गई थी। हादसे में आठ लोगों की मौत हो गई थी। ड्राइवर सहित छह लोगों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया, जबकि दो लोगों की लोहाघाट सीएचसी में मौत हुई।

इस हादसे का शिकार हुए कृष्ण चंद्र जोशी की मौत का सदमा 72 वर्षीय पिता हेम चंद्र जोशी (हेतराम) सह नहीं सके। एकाएक इकलौते बेटे के शव को सामने देख हृदयगति रुकने से उनकी मौत हो गई। रामेश्वर घाट पर गिरीश चंद्र और हरीश चंद्र ने पिता और दादा की चिता को एक साथ मुखाग्नि दी। रामेश्वर घाट में सोमवार नौ चिताएं एक साथ जलीं।

ग्राम प्रधान लक्ष्मी दत्त जोशी का कहना है कि कृष्ण की मौत होने की खबर बूढ़े पिता हेम चंद्र को नहीं दी गई थी। रात करीब 10 बजे बेटे का शव लाया गया तो शव को देखने के बाद उनकी सांस चढ़ने लगी। रात करीब 12 बजे पिता ने भी दम तोड़ दिया। ससुर और पति की मौत के बाद भागीरथी देवी सुधबुध खो बैठीं हैं।

मृतक कृष्ण सिंह के दो बेटे हैं, जो दिल्ली में होटल में काम करते हैं। एक बेटा गिरीश चंद्र 15 दिन पूर्व घर आया था। पिता और दादा की मौत की खबर मिलने के बाद दूसरा बेटा हरीश चंद्र सोमवार सुबह पहुंचा। उधर, हादसे के दूसरे दिन सोमवार को भी मिर्तोली गांव में सन्नाटा पसरा रहा। हादसे में घायल बिशन सिंह (35) और गणेश भंडारी (24) को सोमवार की सुबह हल्द्वानी स्थित सुशीला तिवारी अस्पताल से ऋषिकेश एम्स रेफर कर दिया गया, जबकि चार अन्य घायलों की हालत स्थिर है। वहीं, चंपावत अस्पताल में भर्ती पांचों घायलों की हालत में भी सुधार हो रहा है। हादसे में मारे गए लोगों के शोक में बाराकोट का बाजार सोमवार को बंद रहा।

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संवाद 365/संध्या सेमवाल

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