बागेश्वर में 26 जनवरी को राजपथ पर निकलने वाली झांकी में उत्तराखण्ड से इस साल जनपद बागेश्वर के विश्वप्रसिद्ध पर्यटन स्थल कौसानी के गांधीजी के अनासक्ति आश्रम को झांकी में स्थान मिला है। जिससे यहां के कौसानी पर्टयन स्थल को पर्यटन मानचित्र में देश भर में विशिष्ट पहचान मिलेगी। जिसके चलते अब यहां पर्यटकों की तादाद बढ़ेगी साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।
आपको बता दे आज़ादी से पहले जब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी सन 1929 में भारत भ्रमण पर निकले थे। तब वो कुमाँऊ मंडल पहुंचे थे। महात्मा गांधी कौसानी के चाय बागान मालिक के आग्रह पर कौसानी के इसी लाल बंगले में रुके थे। वो कौसानी की सुंदरता और लम्बी हिमालय की शृंखला के दृश्यों को देख मन्त्रमुग्ध हो गए। कौसानी को उन्होंने यही भारत का मिनी स्विजरलैंड का नाम दिया। बता दें कि कौसानी का नाम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से जुड़ा हुआ है। वहीं हर साल गुजरात प्रान्त के लोग भारी संख्या में यहां पहुँचते है। लोग यहां पहुंचकर अनासक्ति आश्रम में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से जुडी हुई यादों को ताजा करते है।
वहीँ जब जनपद के लोगों को पता चला कि इस साल जनपद बागेश्वर के विश्वप्रसिद्ध पर्यटन स्थल कौसानी के गांधीजी के अनासक्ति आश्रम को झांकी में स्थान मिला है। तो लोगों की खुशी का ठिकाना न रहा। वहीँ जिलाधिकारी सहित जिला पर्यटन अधिकारी ने कहा कि ये हमारे जनपद के लिए गर्व की बात है। ये जनपद के लिए एक अच्छी उपलब्धि है। इससे बागेश्वर जनपद का नाम पूरे राज्य सहित पूरे देश में रोशन हुआ। साथ ही कौसानी को पर्यटन मानचित्र में अलग से विशेष स्थान मिलेगा और अब यहां पहले से ज्यादा पर्यटन के अवसर मिलेंगे और ज्यादा से ज्यादा देशी-विदेशी सैलानी यहां पहुंचेंगे।
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बागेश्वर/हिमांशु गढ़िया